तस्वीरें अच्छी नहीं लगती हैं मुझे
दिल में एक चुभन दे जाती हैं मुझे...
***
जब भी देखता हूँ उसको तस्वीर में
यादें दे जाती हैं मुझे...
***
मेरे लिए तो उसका नाम ही काफी हैं
बीते लम्हों की मुलाक़ात-ए-आलम ही काफी हैं
नहीं रखना मुझे वास्ता किसी तस्वीर से
हकीक़त से दूर ले जाती हैं मुझे...
***
कदम-कदम पर रिश्ते बदलते देखे हैं मैंने
सावन के मौसम, पतझड़ में बदलते देखे हैं मैंने
यह वापस उसी भूलभुलैया में ले जाती हैं मुझे...
***
बन गया कातिल मेरे लिए अपनी नज़रों का दांव
एक तरफ तस्वीर-ए-आम
एक तरफ उसका नाम
रह-रह कर उसकी झूठी मुस्कान याद आती हैं मुझे
तस्वीरें अच्छी नहीं लगाती हैं मुझे
दिल में एक चुभन दे जाती हैं मुझे...
दिल में एक चुभन दे जाती हैं मुझे...
***
जब भी देखता हूँ उसको तस्वीर में
यादें दे जाती हैं मुझे...
***
मेरे लिए तो उसका नाम ही काफी हैं
बीते लम्हों की मुलाक़ात-ए-आलम ही काफी हैं
नहीं रखना मुझे वास्ता किसी तस्वीर से
हकीक़त से दूर ले जाती हैं मुझे...
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कदम-कदम पर रिश्ते बदलते देखे हैं मैंने
सावन के मौसम, पतझड़ में बदलते देखे हैं मैंने
यह वापस उसी भूलभुलैया में ले जाती हैं मुझे...
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बन गया कातिल मेरे लिए अपनी नज़रों का दांव
एक तरफ तस्वीर-ए-आम
एक तरफ उसका नाम
रह-रह कर उसकी झूठी मुस्कान याद आती हैं मुझे
तस्वीरें अच्छी नहीं लगाती हैं मुझे
दिल में एक चुभन दे जाती हैं मुझे...
#रोमिल