Friday, July 29, 2011

कभी हम पर भी यकीन दिखाया करो!

दिल में कोइए बात हो तो बताया करो
आंसू को अकेले मत बहाया करो
यूँ तो दुनियाभर पर यकीन करते हो तुम रोमिल
कभी हम पर भी यकीन दिखाया करो!

Thursday, July 28, 2011

Piya Tora Kaisa Abhiman - Raincoat (2004)

Kisi mausam ka jhonka tha jo is deewar par latki hui tasweer tirchi kar gaya hai
gaye sawan mein ye deewarein yun seeli nahin thi
na jane kyon is dafa inme seelan aa gayi hai,
dararein par gayi hain
aur seelan is tarah bahti hai jaise,
khushq rukhraron pe geele aanso chalte hain.


ye baarish gungunati thi isi chat ki munderon par
ye baarish gungunati thi isi chat ki munderon par
ye ghar ki khidkiyon ke kaanch par ungli se likh jaati thi sandese
girti rahti hai baithi hui ab band roshandano ke peeche.


dupehrein aisi lagti hain,
bina muhron ke khaali khaane rakhein hain
na koi khelne waala hai baazi
aur na koi chaal chalta hai

na din hota hai ab na raat hoti hai sabhi kutch ruk gaya hai
wo kya mausam ka jhonka tha
jo is deewar par latki hui tasweer tirchi kar gaya hai

तेरी पत्थर की मूर्ति बनाऊ, तेरी पूजा करू...



तेरी पत्थर की मूर्ति बनाऊ
तेरी पूजा करू...
दिन-रात जपु नाम तेरा
तेरा पैर धो-धो पियूँ
तेरी पत्थर की मूर्ति बनाऊ
तेरी पूजा करू...
~
प्यार के फूलों से सजाऊ तुझे
खुशियों के रंग लगाऊ तुझे
आरती उतारू सुबह-शाम तेरी
तेरी पूजा करू...
तेरी पत्थर की मूर्ति बनाऊ
तेरी पूजा करू...
~
दुनिया के तानो की मुझे कोइए परवाह नहीं अब रोमिल
मैं तो हूँ पुजारी तेरा यह सबको बताऊ
प्यार होगा अमर मेरा
दुनिया को दिखलाऊ
तेरी पत्थर की मूर्ति बनाऊ
तेरी पूजा करू...

Wednesday, July 27, 2011

तुम ठीक ही कहती हो...

तुम मुझे कायर कहती हो
तुम ठीक ही कहती हो...
~
जो पल हमने साथ बीताये वोह जाया गए
तुम ठीक ही कहती हो...
~
मैं तो हूँ तकदीर के हाथों का खिलौना
तुम ठीक ही कहती हो...
~
जिसने जैसा चाह सजने के लिए मैं वैसा सज गया
जो मिला खाने को वही खा लिया
जहाँ कहाँ सोने के लिए मैं वही सो गया
मेरा खुद का कोइए रंग-रूप नहीं
तुम ठीक ही कहती हो...
~
जो चीज़ मैं चाहूँ वोह पा नहीं सकता हूँ
अपनी मोहब्बत का इज़हार भी सर-ए -बाज़ार नहीं कर सकता हूँ
न मेरी कोइए आरज़ू हैं
न मेरा कोइए सपना हैं
मैं तो एक खिलौना हूँ
जो जितनी चाभी भरे मैं उतना ही चलता हूँ
तुम ठीक ही कहती हो रोमिल...
मैं तो एक कायर हूँ
तुम ठीक ही कहती हो रोमिल...

#रोमिल

Monday, July 25, 2011

सहमा सहमा हर लम्हा सा लगता है

▬▬हुकू▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬
सहमा सहमा हर लम्हा सा लगता है
तेरे बिना सब कुछ भीखरा सा लगता है...

एक पल देख लूं उसे तो जी उठूंगी
भूझती हुई आँखों को यह एहसास सा लगता है...

और कुछ नहीं हासिल हुआ उम्र के तजुर्बे से मुझे
दो वक़्त की रोटी के लिए आदमी देश-विदेश भटकता है…

कल पूछ बैठा कोइए मुझसे तस्वीर तेरी देख कर
तेरा इससे कोइए दर्द का रिश्ता लगता है...
(⁀‵⁀) .
.`⋎´

▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬[भालू]▬▬▬

Sunday, July 24, 2011

ए दुनिया वालों तुम मेरी तकदीर पर हंस लो

▬▬हुकू▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬
दीवार पर लटकी हुई बदसूरत तस्वीर पर हंस लो
ए दुनिया वालों तुम मेरी तकदीर पर हंस लो
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धोखा खाना तो मेरी आदत है
तुम मेरी झूठी मुस्कराहट पर हंस लो
ए दुनिया वालों तुम मेरी तकदीर पर हंस लो
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आशियाना बनाना तो मेरा खवाब था
तुम मेरे खवाबों की नुमाइश पर हंस लो
ए दुनिया वालों तुम मेरी तकदीर पर हंस लो
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अपने यार के वादों पर मैं आज भी यकीन करता हूँ
तुम मेरे वादों की ज़ंजीर पर हंस लो 
ए दुनिया वालों तुम मेरी तकदीर पर हंस लो
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अपने यार को मैं रब समझा करता हूँ
तुम मेरी इबादत पर हंस लो
ए दुनिया वालों तुम मेरी तकदीर पर हंस लो
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(⁀‵⁀) .
.`⋎´

▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬[भालू]▬▬▬

Saturday, July 23, 2011

कल रात

▬▬हुकू▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬
कल रात कमरे में गया तो बैठे-बैठे कुर्सी पर सोचने लगा यह...
बिस्तर की चादर में पहले जैसी शिलवठे नहीं पड़ती
तुम्हारे टूटे हुए बाल भी कही बिस्तर पर अब नज़र नहीं आते
तकिये पर तुम्हारी लिपिस्टिक के निशाँ बिगड़ चुके हैं
अब तकिया तुम्हारे बालों के टपकते हुए पानी से भीगता भी नहीं
मेज़ पर रखा हुआ तुम्हारा चश्मा कहीं दिखाई नहीं देता अब
जग में अब कोइए पानी भर के बिस्तर के सिरहाने नहीं रखता
कई दिन से किताबों पर धूल जमा हुई हैं, अब कोइए इन किताबों के पन्ने पलटता भी नहीं
कल रात कमरे में गया तो बैठे-बैठे कुर्सी पर सोचने लगा यह...
(⁀‵⁀) .
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▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬[भालू]▬▬▬