पल-पल उसे याद कर रहा हूँ
बस आज कल यही काम कर रहा हूँ...
*
ज़ंजीर बांध रखी हैं खुद मैंने अपने पैरों में
सफ़र-ए-इंतज़ार की थकान दूर करने का इंतज़ाम कर रहा हूँ...
*
उसे मोहब्बत के लिए शायद एक ज़िन्दगी कम थी
इसलिए हर जन्म उसके नाम कर रहा हूँ...
*
जो दीपक जलाकर रखा था उसके आने के इंतज़ार में
उसी दीपक को अपनी आंसू की बूंदों से भुझा रहा हूँ...
*
पल-पल उसे याद कर रहा हूँ
रोमिल बस आज कल यही काम कर रहा हूँ...
बस आज कल यही काम कर रहा हूँ...
*
ज़ंजीर बांध रखी हैं खुद मैंने अपने पैरों में
सफ़र-ए-इंतज़ार की थकान दूर करने का इंतज़ाम कर रहा हूँ...
*
उसे मोहब्बत के लिए शायद एक ज़िन्दगी कम थी
इसलिए हर जन्म उसके नाम कर रहा हूँ...
*
जो दीपक जलाकर रखा था उसके आने के इंतज़ार में
उसी दीपक को अपनी आंसू की बूंदों से भुझा रहा हूँ...
*
पल-पल उसे याद कर रहा हूँ
रोमिल बस आज कल यही काम कर रहा हूँ...
#रोमिल