Tuesday, December 27, 2011

तुझसे मिलने के करता था मैं बहाने कितने...

तुझसे मिलने के करता था मैं बहाने कितने
याद हैं मुझको वोह पल
वोह बातें
वोह फ़साने कितने...
तुझसे मिलने के करता था मैं बहाने कितने...
***
सड़क पर साथ-साथ चलना तेरा साया बनकर
वोह देख के तुझको मेरा नज़रे चुराना
रात में छत पर चुपके से आ जाना दीदार को तेरे
तुझसे मिलने के करता था मैं बहाने कितने...
याद हैं मुझको वोह पल
वोह बातें
वोह फ़साने कितने...
तुझसे मिलने के करता था मैं बहाने कितने...
***
वोह सहेलियों संग तेरा मुस्कुराना
देखकर मुझको बातें बनाना
धूप में तेरा जुल्फे सुखाना
मेरी हथेलियों को तेरा छूकर निकल जाना
याद हैं मुझको वोह पल
वोह बातें
वोह फ़साने कितने...
रोमिल तुझसे मिलने के करता था मैं बहाने कितने...

#रोमिल

Monday, December 26, 2011

तेरे नाम की...

हैं चाँद, सितारों में चमक तेरे नाम की
खुदा ने बनाई हैं ऐसी रोशनी तेरे नाम की...
***
न रूप देखा, न सूरत देखी
मन में बसी हैं तस्वीर तेरे नाम की...
***
तू न जाने तेरे बिना कितना दर्द सहा हैं
हर पटरीले रास्ते पर मेरे साथ हैं हिम्मत तेरे नाम की...
***
ज़िन्दगी भर तेरे नाम की माला जपता रहूँ
इतनी श्रद्धा हैं मुझमें रोमिल तेरे नाम की...

#रोमिल

Sunday, December 25, 2011

तेरी मेहंदी पर...

इस जहाँ को
उस जहाँ को लूटा दूं
तेरी मेहंदी पर...
*
नज़रे तकती रहे
यूंह ही खोया-खोया में रहूँ
सब कुछ भूला दूं
तेरी मेहंदी पर...
*
यूंह ही पहलू में लेटा रहूँ
तेरे हांथों की चिल्मन से चाँद को देखता रहूँ
चाँद-तारें भी कुर्बान हो जाये
तेरी मेहंदी पर...
*
रब के नूर सी लगती हैं तेरी मेहंदी
एक दुआ सी लगाती हैं तेरी मेहंदी
हर पल सजी रहे तेरे हांथों में तेरी मेहंदी
हर चाहत,
हर आरज़ू लूटा दूं
रोमिल, तेरी मेहंदी पर...

Saturday, December 24, 2011

खुशबू से महक गए दिल-ए-आशियाने में एक पुराना ख़त पढ़ा अनजाने में...

खुशबू से महक गए दिल-ए-आशियाने में
एक पुराना ख़त पढ़ा अनजाने में...
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जिन ज़ख्मो को वक़्त भर चला था
वोह छिड गए अनजाने में...
~*~
आँखों में नमी थी, हंसी थी होंठों पर
कितने खवाब मचल रहे थे अनजाने में...
~*~
ता-उम्र ढूँढ़ते रहे इश्क दुनिया में
वीरानियाँ मिली खतों में हमे अनजाने में...
~*~
खुशबू से महक गए दिल-ए-आशियाने में
रोमिल, एक पुराना ख़त पढ़ा अनजाने में...

Friday, December 23, 2011

लोग बदनाम कर देंगे...

तू अमानत हैं किसी और की
मेरा ख्याल न कर
लोग बदनाम कर देंगे...
~*~
बड़े होते हैं बे-रहम यह दुनिया वाले
तू मेरा नाम न लिया कर
लोग बदनाम कर देंगे...
~*~
मैंने सजा रखी हैं अपनी रातें तेरी यादों से
तेरे खवाब से मैं अपनी दुनिया रचा लूँगा
मेरे नाम से मेहंदी न रचाया कर
लोग बदनाम कर देंगे...
~*~
यह मेरे गम मेरे साथ ही दुनिया से चले जायेंगे
आंसू बहते-बहते एक दिन आँखों में सूख जायेंगे
तू मेरी परवाह न किया कर
रोमिल, लोग बदनाम कर देंगे...

Thursday, December 22, 2011

आलम

आज भी याद हैं वोह खामोश मुलाक़ात का आलम
चहरे पर दिखती मोहब्बत के जज़्बात का आलम!
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कपकपाते हाथों से देना गुलाब का आलम
होंठों से झलकती मुस्कान का आलम!
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वोह आँखों ही आँखों में इकरार का आलम
बिना मंजिल बातें करते-करते चलते जाना
वोह चांदनी रात का आलम !
~
रोमिल आज भी याद हैं वोह खामोश मुलाक़ात का आलम...

Wednesday, December 21, 2011

आँखें

खामोश आँखें कुछ बयान करती है,
कुछ बातें वोह सर-ए-आम करती है.
***
तुम्हारे होंठ भी चुप रहे,
हमारे होंठ भी गुमसुम,
बस आँखों से आँखें गुफ्तगू करती है.
***
सोचता हूँ रोमिल, सलाम कर लूं इन आँखों को,
जो झुका कर दुआ हमारे लिए करती है.
***
तुम आ जाओ बस हमारी बाहों में रोमिल,
यह आँखें तुम्हारा इंतज़ार करती है.

#रोमिल